1/12/2016

सइया भये कोतवाल( व्यंग्य लेख)

ओये चुनिया ,मुनिया,धनिया हमरे बुडबक भाइया फेर जीत गवा रे....बड़ा भारी सिटवा आवा रे कउनो  टिकै न पावा सब यादव भाई एक जुट हुई गवा ,त कउनो पार न पावा.....अब ई चायवाले (मोदी) भइया को कउन समझावे दूध से जरैं के बाद भी (दिल्ली हार) न समझै । बिहार महागठबंधन विजय 🏆आने वाले समय में जाने क्या रंग लायेगी पर कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि फिर बिहार में एक बार जंगल राज की वापसी होना तय है ये कयास .....कयास ही रहेंगे या लोगों के दिलो कि ख्वाहिश पूरी भी होगी ।तो उधर बिहारी दादू,दबंग भाइयों के मन मनो लड्डू फूट चुके हैं, आखिर हो भी क्यों न एक बार फिर दबंगइ का जादू बिखेरने को जो मिलने वाला है ,जाने बिहार में भ्रष्टाचार होगा या भ्रष्टाचार में बिहार मे बहरहाल  बयार आना तय है । तो उधर बीजेपी घराने के नेता यूँ लगा जैसे अपने ही कुनबे की पराजय की बाट जोह रहे थे ताकि वो पार्टी के अन्दरूनी विरोध झेल रहे सदस्यों के खिलाफ सीना पीट -पीट रूदाली बन सके, लगा जैसे एक ग्रुप मोदी के खिलाफ लामबद्ध हो चुके हो ,तो मोदी और शाह की शहंशाही घटते ही कुछ बुजुर्ग सरदारों ने भी तीर 🎯कमान साधते देर न लगायी । ये मोदी की घटती लहर है या नीतीश का भाजपा में व्यक्तिवादी विद्रोह की अटूट और असाधारण प्रभाव है ।बिहार हार की असर का तासीर राजनीतिक दलों में बिलकुल अलग -अलग रही।मोदी को बिहार की हार से सीखना होगा कि वंचित वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग में अपनी साख फिर से वापस लौटाए और मध्य वर्ग के पुराने आधार को भी मजबूत करे ।  तो जानकारों का अंदाज़ा है नीकू का ( नीतीश कुमार ) वही हाल होना तय है जो कभी माझी का हुआ ,नीकू कहीं लालू के इक्के बन कर रह गये तो बिहार की बेचारी जनता का क्या होगा । बिहार के पाणिग्रहण राजनीति ने एक बार दूसरे से शाह के मैनेजमेंट व चुनावी रणनीति पर सोचन पर मज़बूर कर दिया । गुजराती शाह के आगे बिहारी शाह (लालू ) का चुनावी जुमला  काफी कारगर रहा " जब तक  रहेगा समोसे में आलू 🍠,तब तक बिहार में रहेगा लालू " बिहार की जनता ने लालू के परिवारवाद की परम्परा को बढ़ाकर लालू को तीस मार खां की कहावत से नवाज़ दिया ।अब लालू के मदारी खेल में नीकू कौन -कौन से गानों में गुलहटी मार-मार कर करतब दिखायेगे और मनभावन व मनोरंजक होगा आने वाले पांच साल बतायेगें । बिहार पाणिग्रहण  भइ चारे के चारे का स्वाद बिहार की जनता को स्वादिष्ट लगे या फीका पर नीकू को मजबूरन ये चारा स्वादिष्ट 😋बनाना ही होगा ।

साक्षात्कार -भैरव प्रसाद मिश्र

प्र०-मोदी सरकार को 18 महीने हो चुके हैं विपक्ष पार्टियां उनको निशाना बनाती रहती हैं,कि देश के लिए क्या किया गया,उनकी कोई पांच उपब्धियां बताएँ !
उ०- देखिए मोदी जी के कार्य काल आने के बाद देश में एक आशा की लहर जगी है,दूसरी बात जो हमारी छवि विदेशों में कमजोर देश के रूप में बनी थी उसको सुधारने का किया और अब मोदी जी जहाँ भी जाते हैं  वहाँ लोग मानने लगे हैं कि सक्षम देश का सक्षम नेतृत्व है जो देश को एक सकारात्मक दिशा में ले कर जायेगा । तीसरा बड़े उद्योगपति यहाँ निवेश करने में डरते थे उनको मोदी ने भरोसा दिलाया है जिससे यहाँ की योजनाएं को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी। हमारी सरकार ने आते ही भ्रष्टाचार पर लगाम कसी अब लोगों को काला धन जमा करने पर सज़ा का प्रावधान रखा जिससे जो धन विदेशों में जाता था उसमें रोक लगी।हमारी सरकार ने हर स्तर पर देश को आगे बढ़ाने का काम किया है जैसे "जन-धन योजना" के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आगे लाने का प्रयास किया गया है ।जो लोग सोचते भी नहीं थे उनका भी बैंक में खाता हो सकता है उनको लाभ पहुंचा है ।और सामाजिक सुरक्षा की अनूठी योजनाएं हैं जिससे देश की गरीब से गरीब व्यक्ति को आर्थिक व सामाजिक रूप से सुरक्षा मिली है ।जैसे पहले कोई हादसा हो जाता था तो गरीब लोगों को किसी प्रकार के कोई सहायता नहीं मिलती थी अब उन सभी के पास जीवन सुरक्षा बीमा है। हमारी सरकार स्वच्छता को एक अभियान की तरह चलाया जिससे लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक हुये हैं । बड़ी -बड़ी समस्याएं जो दशकों से पड़ी थी जैसे बांग्लादेश जमीन का मामला ,नागालैंड की समस्या .........तो ऐसे तो न जाने कितने मुद्दे हैं जिस में हमारी सरकार ने काम किया है इसलिए देश में सकारात्मक माहौल बना है ।
प्र०-विहार में जातिगत समीकरण की वजह से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, इसका उ०-प्र० के चुनाव में कितना असर देखते हैं?
उ०-देखिए उत्तर प्रदेश की स्थिति अलग है और वहाँ इसका कोई असर नहीं पड़ेगा अब जैसे विहार में जाति के आधार पर लोगों को बरगला कर दुष्प्रचार करके रणनीति बनाई वैसे उत्तर प्रदेश में सम्भव नहीं है ,क्योंकि लोग  सपा और बसपा शासन से दुखी हो चुके हैं । लोक सभा के बाद से लोगों की सोच बदली है और हर वर्ग के लोग मोदी जी के साथ है और आने वाले आगामी चुनाव में इसका असर भी दिखेगा और मै समझता हूँ कि हमें पूरी तरह से सफलता मिलेगी।
प्र०-मोदी जी का स्वच्छता अभियान जोरों पर है उसमें आपने चित्रकूट की मंदाकिनी को कितना साफ किया?
उ०-देखिए मंदाकिनी के लिये हमने स्वयं भी योजना बनाई हुई है और माननीय उमा जी को भी लिख कर दिया है कि उनके स्वच्छता अभियान योजना में शामिल किया जाए और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि गंगा ,गंगा के बाद यमुना क्योंकि मैं भी मानता हूँ कि यह बहुत बड़ी प्रक्रिया है उसके बाद इसको राष्ट्रीय स्तर की योजना में शामिल करने की बात कही है। इसके अलावा हमने अपने स्तर पर लोगों को जागरूक बनाने का पर लोगों को जागरूक बनाने का प्रयास किया है और समय-समय पर सफाई भी करवाने का काम करते रहते हैं साथ ही सीवेज सिस्टम को भी ठीक कराने का काम किया है जो कि बहुत समय से लम्बित पड़ा हुआ था । और एक योजना कि नर्मदा के जल को मंदाकिनी में गिराया जाये जिससे जल प्रवाह में तेजी आये और नदी भी स्वच्छ होगी व जल स्तर भी सुधरेगा।
प्र०-उत्तर-प्रदेश के सुरक्षा व्यवस्था व कानून व्यवस्था के बारे क्या कहेंगे
उ०-उत्तर-प्रदेश में जो कानून व्यवस्था है उसका राजनीतिकरण कर दिया गया है जिससे पुलिस स्वातंत्र रुप से अपना कार्य नहीं कर पाती। उ०प्र० में जाति विशेष व वर्ग विशेष को प्रोत्साहन देने का काम किया जाता है और अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया जाता है ।राज्य सरकार को सोचना पडेगा नहीं तो इसका खामियाजा उनको मिलेगा ।
प्र०-मोदी जी के कार्यक्रम मन की बात का असर छोटे कस्बों और गांवो में कितना देखते हैं??
उ०-देखिए वो मन की बात रेडियो और दूरदर्शन पर करते हैं ।रेडियो चूंकि ऐसा साधन है जिसको आम लोग भी सुनते हैं। और बड़े ही मन से व उत्सुकता के साथ सुनते हैं और लोगों का मानना है कि जो मोदी जी कहते हैं वो दिल से कहते हैं जिसको लोग सुनकर अमल में लाने का प्रयास करते हैं।
प्र०-आदर्श ग्रामीण योजना में आपने कौन सा गांव गोद लिया है और वहाँ क्या-क्या किया गया अब तक.....
उ०-मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में दोनों जिलों से एक-एक गाँव गोद लिए हैं प्रथम सत्र तक तीन गांव लेने थे ।बांदा जिले में कटरा कालिंजर व दूसरा चित्रकूट जिले में हन्ना विनैका गांव को लिया है, अब वहाँ योजनाएं बन कर तैयार है जिसका समय अक्तूबर तक दिया गया था जो कि कर लिया गया है और अब तक हर घर में शौचालय लगभग बनवाए जा चुके हैं,और जो अधूरे हैं उसका लोगों को पैसे दे दिए गये हैं काम चालू है ।और भी योजनाएं हैं वहाँ शिक्षा ,चिकित्सा,सिंचाई के क्षेत्र की है उनमें काम प्रगति पर है ।
प्र०-18 महीने में आपने अपने संसदीय क्षेत्र में क्या काम किया है और क्या करने वाले हैं....
उ०-मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में कुछ रेलवे से संबंधित प्लेट फार्मों में माॅर्डनाइज कराने का काम किया है।सम्पर्क क्रांति ट्रेन में और बोगियां बढाने का काम किया व सप्ताह में प्रतिदिन चलवाने का काम किया है। और कई योजनाएं मांगी हैं जैसे झांसी से चित्रकूट व चित्रकूट से कानपुर तक दोहरीकरण की मांग रखी है व कई ट्रेनों का फेरा बढ़ाने की मांग रखी है ,इस सत्र के बाद माननीय रेलमंत्री जी चलेंगे और उसका शुभारंभ करेंगे  ऐसा मेरा विश्वास है ।और दो अस्पताल जो कि बच्चों के हैं केन्द्र सरकार की तरफ पास किया गया है ,एक पश्चिमी में में है और एक मेरे क्षेत्र में है,वो चित्रकूट के पास बन रहा है।जिसको प्रशासन से जमीन दिला दी गई है और कार्य प्रगति पर है ।और मैनें दूरदर्शन केंद्र बांदा में शुरू कराया और रेडियो एफ एम शुरू कराया।
प्र०- उत्तर प्रदेश में चूंकि दूसरी सरकार है तो आपको अपने कार्यों को करने में किस तरह की रुकावटों का सामना करना पड़ता है ??
उ०- देखिए सपा सरकार में कार्य करने में निश्चित रूप से दिक्कते आती हैं।सपा के एक ही परिवार के 5लोग जीत कर आये हैं ,कांग्रेस के सिर्फ मां बेटे जीते हैं बाक़ी सब भाजपा के सांसद हैं तो कहीं न कहीं हमारे कामों को अपना बताकर दुष्प्रचार किया जाता है व हमारे कार्यों में रोडा अटकाने का काम किया जाता है पर चूंकि हमें जनता ने चुनकर भेजा है तो हम उसी जनता के सहयोग से अपने कार्यों को करते जा रहें हैं।

तुम कुछ यूँ लगे(कविता)

तुम कुछ यूँ लगते हो

तुम मुझे कुछ
यूँ लगते हो जैसे
सर्दियों  की 
खिली -खिली सी धूप

तुम मुझे कुछ
यूँ  लगते हो जैसे
बारिश  की
पहली-पहली बू्ँद

तुम मुझे कुछ
यूँ लगते हो जैसे
छोटे बच्चे की
खिल-खिलाती हँसी

तुम मुझे कुछ
यूँ लगते हो जैसे
मिट्टी  की
सौंधी-सौंधी खुशबू

तुम मुझे कुछ
यूँ लगते हो जैसे
आम की
खट्टी-मीठी मिठास

तुम मुझे कुछ
यूँ लगते हो जैसे
होली  के
गुलाल की सुगंध

और क्या-क्या
कहूं,तुम कैसे
लगते हो .....
मैं तुम और तुम
मैं लगते हो जैसे ।।