9/13/2015

नारी( कविता)

नारीत्व  को  बचाये   रखिये
स्त्रीत्व   को   जगाये  रखिये

हो   सत्ता   पिता   की ,  घर
मां का  नेतृत्व  बनाये  रखिये

बेटा है  शरीर  तो  बेटी  जान
इस अमरत्व को संजोए रखिये

मां जानती है सारे भेद मन के
मां के ममत्व को संभाल रखिये

नि:स्वार्थ प्यार बहनों का,धरती
पर इस सत्यता को बनाये रखिये

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