पड़ोस की रह वाली सपना की शादी बड़ी धूम -धाम ई थी आखिर होती भी यू न घर की बड़ी टी जो थी पर शायद माँ-बाप को छोड़ कर सबको पता था वो कसी साथ प्रेम सबध थी खैर शादी ई ..मधुर दापय की शुआत भी हो गई कुछ ही दन सपना की गोद भरी और यारी सी टी की उन आँगन कलकारयाँ गूंजी सभी बत खुश । पर इस बाद जिंदगी जो करवट ली उसका अंदाज़ा कसी को न था , सपना का पूव यार फर उस साम आ खड़ा आ और वो न चाह ए अपनी प्रेम कहानी फर शु कर दी दन बी यार की प बढ़ी और एक दन सपना पत को इसकी भनक लगी उस बाद जो बा आप मन आ रही जी हाँ बलकुल वही नह आ सपना पत सपना को बच की तरह समझाया उसकी नया वो जो वतमान !! शायद वो समझ कर भी समझना नह चाहती थी या उस दल पर उसका जोर नह पर इस उलट सपना इस बात अनिभ थी की उसका यार ...यार नह एक पुष का छलावा था काश क वो इस हकीकत को समझ पाती । आखिर त्रीका मन सदनाओं ..सभावनाओ..और भावनामक प हद सदनशील होता इस नतीजतन वो धोखा खा जाती ।बात आ बढ़ी सपना उन दन बारा माँ बन वाली थी और पत खुद आग लगा कर सोसाइड कर की कोशिश की और ज़िदगी की लड़ाई लड़ -लड़ हार गया और गहरी नद हशा लिए सो गया इस बाद सपना की अली ज़िदगी और सपना प्रेमी अपनी नया बसा ली यू की समाज रह सपना की सरी शादी वो भी पूव प्रेमी ता जमीन पर ला जैसा था । अब बात क तो समाज यार और यार कर वालो को आखिर समाज वीकृत यू नह ऐ रीत रवाज़ कस काम जिस जिंदगयाँ ख़म हो जा खोख दखा मा या समाज की वसंगतय समात हो जागी ।भारत तरकी नाम जगमगा मॉल और ब मंजिला इमारत आलावा कुछ भी तो नह बदला ...लोग मॉडन ह ल 'लुकंग कूल डूड' कहला ल पर या इन कूल डूडो की मानसकता बदली भी एक लड़की या महला को ठीक ही घूर जै एक र वाला हाँ पहनावा ओढ़ावा जर मॉडन हो गया । कोई घटना घटती लोग कुछ दन चच कर प्राइम टाइम बहस ...कडल माच और हालात फर वही जस तस । कुछ समुदाय वष तो इन प्रेम संग रत नपट लिए हर सीमा को लाँघ जा । इन घटनाओ ऊपर फ भी बनी और इन फमो को लोगो दल खोल कर सराहा भी पर बात जब कसी बदलाव को अपना की हो तो लोग समाज आ बढ़ बज़ाय आदकाल पहुँच जा ..आखिर बदलाव बयार लोग कब बहकर पी न जा लिए आ आएं ।
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