6/12/2015

खौफ़ का दौर ( व्यंग्य लेख)

सुना है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सोते -सोते अचानक से उठ कर बैठ जाते हैं , उनकी रातो की नींद और दिन का चैन गायब हो गया है । कही ये इश्क़ तो नहीं छोडो जी पता लगा इश्क़ नहीं ये भारतीय सेना का खौफ है जिसने शरीफ का चैन उड़ा कर रख दिया । हमारे किसी  भारतीय न्यूज़ चैनल के जैसे पाकिस्तान में सुरक्षा दृष्टि से सतर्क करने वाले रिपोर्टर जरूर होंगे और वहाँ कुछ यूँ बोलते होंगे "अमा मियां चैन से सोना है तो पहले जाग जाओ " पर पाकिस्तान में कितना जागे आखिर कभी यहाँ बम तो कभी वहाँ बम उनके यहाँ तो वेसे ही चहल -पहल लगी ही रहती है । पर अभी जो हालात शरीफ़ जी के हैं जग जाहिर है और हो भी क्यू न भारत की सैन्य बल ने जो कर दिखाया उससे पडोसी देशो की नींद उड़ना लाज़मी है उसपे भी ऐसे पडोसी जिनकी नइया ही दूसरों को डुबा कर पार होती हो । यहाँ तक की अमेरिका के पूर्व राजदूत ने भी पाकिस्तान को आगाह किया है कि जो रवैया पाकिस्तान करता आ रहा है उसे छोड़ दे वरना जवाबी कारवाही की जायेगी  ।अब मालूम नहीं अमेरिका छोड़ने के लिए बोल रहा है या नए तरीके आज़माने की सलाह दे रहा है । पाक चचा कहे कुछ भी पर डरे तो हैं । और इधर (भारत) में तमाम सरकार बिरोधी दल के लोग पानी पी -पी कर कोस रहे हैं ...आपस में भले एक दूसरे को कोसो पर चचा लोगो , कम से कम सेना का मनोबल तो बढ़ाओ वो बेचारे अपना सब छोड़ कर हमारी आपकी सेवा और सुरक्षा  में लगे रहते हैं ,आये दिन मौत से मुकबला करते हैं तो कभी जंग में  मौत से हार भी जाते हैँ । म्यांमार में उग्रवादियो के खिलाफ कार्रवाई की खबरे आई तो तो इस अप्रत्याशित अभियान से जुडी कई घटनाये सामने आई । इस खुलासे में पता लगा की सेना को दो टूक आदेश दिया गया कि उग्रवादियो के कैंपो को सीधा निशाना बनाया जाये और उन्हें नष्ट किया किया जाये । हालाँकि सेना और सरकार दोनों को ही पता था ये काम मुश्किल भरा और म्यांमार की सीमा से लगा हुआ था पर सेना को तो साहब बस जरुरत होती है तो एक आदेश की फिर उसकी सफलता उसके हौसले बताती है । हालाँकि ऐसे अभियान पहले भी होते रहे हैं पर क़सम पाकिस्तान की चचा "56 इंच के सीने वाला गर्व "  अभी ही हुआ देश को शायद ये मोदी का असर है । खैर बधाई के पात्र सरकार और सरकार से ज्यादा सेना है । चलो कम से कम उगरवादियो एक सन्देश तो गया ही कि सुरक्षा बल या आम जनता को अगर निशाना बनाया गया और उनको किसी भी तरह का नुकसान पहुचाया गया तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी । वेसे हमारे दुश्मनो के लिए ये बहुत अच्छा सन्देश है कि अगर कुछ किया तो जवाबी कारवाही की जायेगी और करारा जवाब दिया जायेगा । इन्ही सब हालातो से घबराये हुआ पाकिस्तान ने अपने यहाँ सीनेट में बैठक तक बुला डाली और तो और भारत की कड़े शब्दों में निंदा तक कर डाली जो की हमारे यहाँ भी राजनेता अब तक समय -समय पर करते रहते हैं । तो वही हमारे कांग्रेसी आकाओ का कहना है ये शेखी बघारना है भई ये क्या बात हुई तू -तू ,मै -मै करना ठीक है पर बात देश की सुरक्षा की हो तो ये ठीक नहीं । धर्मिक कट्टरता तो ठीक नहीं पर , देशिक कट्टरता जरुरी है । सोचने वाली बात है कि एक अभियान ने हमारे देश को दुनिया के किस पायदान पे लाकर खड़ा कर दिया...देश विदेश सोचने को मज़बूर हो चले हैं लोग चर्चा करने और बयान देने को मज़बूर हो चुके हैं । अब इसको डींगे मारने का असर कहे या शेखी बघारना । पाकिस्तान का रुख और बयानबाज़ी को देख कर तो साहब यही लगता है जी चोर की दाड़ी में तिनका । अब देखना होगा कि नापाक पाक अपने बदमाश ,बदनाम इरादों से बाज़ आएगा या दहशत गर्दी के नए आयाम ढूंढेगा । अमां शरीफ़ मियां ये सारी खाज़ खुज़ली छोडो और अमन चैन की पैरवी करो और दुसरो के घर में ताक झांक से बाज़ आओ और "वसुधैब कुटुंबकम" की भावना लाओ । शशि पाण्डेय ।

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