7/21/2015

साक्षात्कार- डॅा० प्रसन्न कुमार पाटशाणी ( लोकसभा सांसद, भुवनेश्वर )

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प्रo-  मोदी जी ने हिंदी से प्रेम दिखाते हैं , जैसे कभी हिंदी में भाषण दिया
 था वेसे ही मोदी भी हिंदी में भाषण देते हैं , पर भारत में राजनीति के चलते
 इसका विरोध किया जाता है ।आपका क्या कहना है ?
उत्तर- हिंदी हमारी प्रियतम राजभाषा है । यह हिंदुस्तान के मूल से आयी
 देवनागरी की भाषा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है । हिंदी सबसे सरल भाषा है जैसे
 बोली जाती है वेसे ही लिखी जाती है । स्वतंत्रता संग्राम के समय से जिन लोगो
 ने संघर्ष का नारा दिया था वो इसी भाषा में दिया था । सुभाषचंद्र बोस बंगाली
 होते हुए भी उन्होने अपने सन्देश हिंदी में दिया । महात्मा गांधी ने भी इस
 भाषा के माध्यम से राष्ट्रिय एकता के संदेश दिया था । रबिन्द्र नाथ टैगोर ,
बंकिमचंद्र इन बड़े -बड़े विद्वानों ने हिंदी का समर्थन किया । भारत में जितने
 मनीषी जन हैँ हिंदी के लिए संग्राम किया । इतना सब होते हुए हिंदी को जो स्थान
 मिलना चाहिए वह नहीं मिला है । जब तक आंचलिक भाषा का उत्थान नहीं मिलेगा तब तक
 हिंदी को खतरा रहेगा । चाइना में चीनी एक ही भाषा  ,जापान में एक ही राष्ट्र
 भाषा है लेकिन हिंदी तो मॉरीशस में सेंकेंड लैंग्वेज़ है ।भाषा समृद्धि के लिए
 तो वहॉ जाने कितने सेंटर है वहां जाकर देखिये हिंदी के विकास के लिए कितना काम
 हो रहा है । बंगला देश में हिंदी सेकेण्ड लैंग्वेज़ है । पाकिस्तान में भी
 उर्दू के आलावा दूसरी बोली जाने वाली भाषा हिंदी है । अफगानिस्तान ,
इंडोनेशियस में भी हिंदी बोली व् समझी जाती है ,फ़िजी में में बोली जाती है
..अरब कंट्रीज़ खूब प्रयोग की जाती है ,नेपाल  काठमांडू में तो ऑफिशियली
 लैंग्वेज़ है हिंदी । मै तो कहता हूँ इसको विश्व भाषा होना चाहिए । अंग्रेज़ लोग
 दस हज़ार शब्दों को लेकर भाषा बनाया ये शब्द भी उनके अपनी भाषा के नही थे ग्रीक
 और लैटिन के शब्द ज्यादा हैं । अब देखने वाली बात है दस हज़ार शब्द लेकर
 अंग्रेज़ हम पर शासन कर रहे हैं और मानसिक स्तर पर भी हम पर राज़ कर रहे हैं ।
 ये अंग्रेजी तो हमारे गावो में मशरूम की ग्रोथ की तरह हो गयी है । लोग बच्चो
 से माँ को मम्मी कहलाते जो कि मिस्र में मरे लोगो को बोला जाता है ,पिता डैडी
 कहलाते हैं ..ये सब हमारी परम्परा और संस्कृति नही । अरे अपनी संस्कृति से
 जुड़े उसको समझे जाने वो अच्छा है । लार्ड मैकाले ने को उसकी माँ ने उसको पत्र
 लिखा जब यहाँ उनका विरोध हो रहा था भारत छोड़ कर आने को इसके जवाब में मैकाले
 ने पत्र लिखा वो आज भीसंग्रहालय में मौजूद है .जवाब लिखा था कि "आना तो मै भी
 चाहता हूँ पर यहाँ के लोगो का स्वभाव ज्वार - भांटा की तरह है जाते - जाते मै
 ऐसा करके जाऊंगा कि भारत के लोग हमेंशा -हमेशा के लिए गुलाम बन कर रह जायेंगे
 ।" और आज हमारे यहाँ है भी ऐसा लोगो का खाने ,पीने ,पहनावा -वोढावा में
 अंग्रेज़ो की नक़ल कर रहे हैं । लोग हिंदी की जगह इंग्लिश में बात करने को गौरव
 समझते हैं । कनाडा में तो पंजाबी सेकेण्ड लैंग्वेज़ है ।
               चाइना , जापान ,लन्दन , अमेरिका  वहां का जो साहित्य है हमारे
 शहरो में आराम से खरीद सकते हैं । और हमारे यहां तो हम एक दूसरे राज्यो के
 साहित्य से वाकिफ नहीं है ।इसलिए सभी राज्यो के साहित्य का अनुवाद हिंदी में
 जरूर होना चाहिए और उसको विश्व में लोगो के सामने रखना चाहिए । सारे विश्व में
139 लगभग देश हैं लेकिन पांच देशो में ही अंग्रेज़ी राष्ट्र भाषा है इसके आलावा
 अब की अलग अपनी आंचलिक भाषा है । इन सब में भारत सबसे बड़ा राष्ट्र है । जहाँ
 की भाषा हिंदी है और इसके साथ -साथ अन्य देशो में इसका विस्तार क्षेत्र है मै
 तो कहता हूँ इसको विश्व भाषा का स्थान मिलना चाहिए । मैंने तो कई जगह विदेशो
 में हिंदी में भाषण दिया ,मैंने यू एन में भाषण हिंदी में दिया ।मैंने वहां
 पूछा कि कितनी भाषा को यूनेस्को सपोर्ट करता है पता चला 6 देशो को पर ये 6
देशो की तुलना भारत से करो तो भारत हर तरीके से बड़ा है फिर भी भारत को उसमे
 शामिल नहीं किया गया । फिर वही किसी ने कहा कि जब भारत में ही हिंदी की
 उपेक्षा की जाती है तो बाहर उसको कैसे मान्यता दिलायेंगे, इसलिए सबको मिल कर
 इसके प्रयास करने चाहिये ।
 प्रश्न - हिंदी को विश्व भाषा बनाने के लिए क्या करना चाहिए । मोदी को क्या
 करना चाहिये इसके लिए ?
उत्तर- मुझे विश्वास है मोदी जी काम करेंगे इस क्षेत्र में । बाजपेयी जी ने
 हिंदी के उत्थान के लिए बहुत काम किये ,मेरे काफी अच्छे सम्बन्ध थे उनसे ।
 हिंदी भाषा के लिए मोदी जी समर्पित हैं । सब लोग हिंदी में भाषण दे जिसको न
 पता हो सीखे । मुझे देख लो हिंदी भाषी नहीं हूँ फिर भी प्रयास रहता है हिंदी
 में बात करने का । ये मेरी दिल से भावना है कि मै देश और राष्ट्र भाषा के लिए
 अच्छा कुछ करूँ । मेरा ये उद्देश्य है कि हिंदी विश्व भाषा बने । सभी राज्यो
 में हिंदी को बढ़ावा दिया जाये । विज्ञापन भी हिंदी में दिए जाये । इंग्लिश को
 हटाने के लिए आंदोलन होने चाहिए । देश तब महान होगा , जब राष्ट्र भाषा को महान
 और समृद्ध बनाएंगे । इसको विश्व भाषा बनाने का इरादा है पर इसके लिए सार्थक और
 ठोस प्रयास करने होंगे । शशि पा

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