पानी बना बेरहम , वो सुनो प्यास के मारो
खुद ही थोड़ी शर्म निचोड़ खुद की प्यास बुझालो
पानी है कम बचा, मिल सब बचा लो प्यारो
नही बचा है नही बचेगा बिन पेंदे के प्यालों से
कागज पत्रों मे बह रहा पानी, गाँव डूब गया बाढ़ो से
चुनिया मुनिया बाट जोहती पानी की दूर कगारो से
रस्सा - कस्सी खूब मची धरती की ईन्द्रो से
तय करते वो ही किस द्वारे जाये पानी ट्रालो से
खुद ही थोड़ी शर्म निचोड़ खुद की प्यास बुझालो
पानी है कम बचा, मिल सब बचा लो प्यारो
नही बचा है नही बचेगा बिन पेंदे के प्यालों से
कागज पत्रों मे बह रहा पानी, गाँव डूब गया बाढ़ो से
चुनिया मुनिया बाट जोहती पानी की दूर कगारो से
रस्सा - कस्सी खूब मची धरती की ईन्द्रो से
तय करते वो ही किस द्वारे जाये पानी ट्रालो से
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