6/03/2016

पडोसी घर लाईट (kahani )

पडोसी घर लाईट

कभी -कभी चुटकुले भी चरितार्थ होते दिख जाते हैं।चुटकुला कुछ यूँ  था -" "यू -पी वाले घर की लाईट जाने पर सबसे पहले पडोसियो की लाईट का  पता करते हैं "" (हमारे उत्तर - प्रदेश के कुछ एक स्थानों को छोड़ दे तो बाकी जगहों पर बिजली की समास्या हमेशा बनी ही रही है )

गर्मियों मे लाईट का न रहना श्राप है और उस पर भी आधी रात को जाये तो उससे बड़ा श्राप तो हो ही नहीँ सकता।

पर छोटे -शहर कस्बों मे रहने वाले लोग भी खूबै ढीठ और फुरसतिया होते हैं । जितने देर भी लाईट जाये अगर घंटा निकल जाये तो सीधा पावर हाउस मे खड़े होते हैं ।

आज रात लाइट का ऐसा ही टाईम टेबल बना आँख -मिचौली करती रही दिक्कत तो हो ही रही थी ।दिक्कत तो तब भी हुई जब रोड लाईट आ रही थी। पर और उससे से भी असहायनीय  दिक्कत और परेशानी तब बढ़ गयी जब पड़ोस के घर मे लाइट आ रही थी ,पर हमारे यहाँ नही।

थोड़ी बहुत मस्सकत की गयी पर सफलता हासिल न हुई फ़िर दूसरे पडोसी ने बताया कि उनके यहाँ जनरेटर चल रहा है ।

सच मे यह जानकर कि पडोसियो के यहाँ भी लाईट नही है वैसा ही सुकून मिला जैसे मानो लाइट आने पर...फ़िर क्या पंखा झल्ते हुये सोने की कोशिश मे जाने कब आँख लग गई ।शशि पाण्डेय ।

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