तुम हो या कोई गीत
आन मिलो मन के मीत
दिल न जाने कोई रीत
तुम हो प्यार तुम हो प्रीत॥
मिले जैसे मोती और सीप
क़रीब हूँ बनकर तेरा नसीब
तू मेरा कल मै तेरा अतीत
तुम हो प्यार तुम हो प्रीत॥
सारे पल तुझमें करूँ व्यतीत
होऊँ खुश तेरे दिल को जीत
तेरे बिन हो जाऊँ बेतरतीब
तुम हो प्यार तुम हो प्रीत ॥
हर ख़याल मेरा तुझमें लीन
तुम मेरे दिल के नवनीत
हो जाती मै तुझ बिन अजीब
तुम हों प्यार तुम हो प्रीत ॥
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