पेशा पढ़ाना ..... लिखना शौक और ज़रूरत है ।खुल्ला पत्रकारिता ,सामाजिक ऐब और कलम !!😊😊
10/06/2016
पत्थर
-पत्थर -
पत्थर की ठोकर
होती कहाँ बेकार
सिखाता है नया
कुछ न कुछ हर बार
उस पत्थर से पूछो
करता आपका काम
होता फ़िर भी बदनाम
बेचारा ताकता भर नजर
लगाने को ठोकर
फ़िर भी लोग कहते पत्थर ॥
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