8/05/2016

हवा बाजी मे ज़माना (व्यंग्य लेख )

कुछ दिन पहले कहीं ख़बर पढी और सुनी एक प्रेमी युगल ने हवा मे तारो के सहारे लटक कर शादी की । क्या करें आज का ज़माना ही है ऐसा कि कुछ अनोखा करें । जिसपे सबकी नज़र हो । 

क्या नेता, क्या अभिनेता बाकी बची आम जनता भी ऐसे ही हथ कण्डे प्रयोग मे ला रही है । पर जिन्दगी की असल परीक्षा तो हवा बाजी के बाद होती है । वेसे जिन्दगी मॆ कुछ असल अभिनेता भी होते हैं जो सचमुच की हवा बाजी करते हैं ।उनमे से एक ऐसे जांबाज़ थे जिन्होने 25000 फीट की ऊँचाई पर  सही -सही मॆ हवा बाजी कर विश्व रिकॉर्ड मॆ अपना नाम दर्ज करा लिया  ,उनको इस  हवा बाजी के लिये  हमारी ओर बधाई ।

खैर आगे अपनी लफ्फाजी वाली हवा बाजी की बात करते हैं ।लगभग -लगभग सभी जानते हैं ये सिर्फ़ शरीर के ऊपर वाले माले (मस्तिष्क ) का काम है ,पर सब हवा बाजी के आदी हो चुके हैं ।

दिल्ली के निजाम हवाई मार -मार दिल्ली सल्तनत कॊ कब्जिया बैठे । ये वो (कब्ज )वाला कब्जिया नहीँ  ,कब्ज़ा वाला कब्जिया है । लोगां तब भी जानते थे ये हवाई गुब्बारे थे । पर लोगां करें क्या...
                 
                   "सईयां तोरे वश मा
                    इंटा मार चाहे पथरा "

हवा मे शादी करता प्रेमी युगल जानता ही रहा  होगा  कि  यह हवा बाजी है । हकीकत जीवन का सतही स्तर  कुछ और होता है ।

चुनाव दौरान बड़े -बड़े वादे..हवा मे लसिया -लसिया  तीर छोड़ने वाले वादों की कब्र तो हवा मे ही खोद दफन कर दी जाती है ।

देश के राजनीतिक धुरंधर जाने कितनी दफे पाकिस्तान कॊ हवा मे सबक सिखा चुके हैं और तो और हवा मे कड़े से कड़े शब्दों मे निंदा बोल ,बोल कर हमारे निजाम ए हिन्द हवाई मिसाइल दाग़ जाने कितनी बार हवा मे गुलाटिया मार चुके ।

हवा बाजी का दूसरा प्रचलित भाई कबूतर बाजी है । वो तो सटीक हवा बाजी करते हैं । इस जमीं से उस जमीं ,आई मीन टू से चोरी से लोगां लोग कॊ देश पार कराने का उन लोगों का  जबरदस्त तरीका होता है ।

वैसे हवा बाज भी बड़े दूर दृष्टा होते हैं । कौन सी हवा कब छॊडी जाय इसका ज्ञान उनको अपने पूर्व जन्म सतयुग मे ही प्राप्त हो हुआ होता है । वाणी मे इनकी राजा हरिश्चंद्र के बातो सी शुद्धता पायी  जा सकती है । बाकी होता कुछ और ही है ।"कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना "

चूँकि हवा से ही जीवन होता है । सभी जानते हैं । यह हमारे वातावरण मे विद्यमान है । इसी का कुछ नतीजा यह भी कि हवा बाजी हर जगह , हर क्षेत्र मे होती है अथवा पायी जाती है । प्रापर्टी डीलर , वकील , पत्रकार , दान दक्षिणा वाले पंडित जी , पुलिसिया विभाग आदि -आदि ।

बात करते - करते ख़याल आया मोबाइल नेटवर्क कम्पनियों का  माई गॉड इनकी हवा बाजी तो कमाल की होती है ।इनकॊ  हवाई तीर मारना बहुत ही आसान होता है । इनमे से  एक कम्पनी अपने हवाई  गुब्बारा हेतु एक कन्या कॊ कहाँ -कहाँ नहीँ  हवा बाजी करते दिखाते हैं ..भई नेटवर्क जाये भाड़ मे लोगां तो लड़कियाँ और खूबसूरत नज़ारे देख खुश हो जाते हैं । 

तो उधर हमारी भारतीय शादियों मे ये फूफा और मामा लोग भई  खूब झूठ की खेती लहलहवाते हैं । इधर की उधर खूबै हवा बाजी करते हैं । बीच -बीच मे फूटे हुये गुब्बारे की तरह फुसफुसा भी जाते हैं ।

यही नही देखा जाये तो भारत के दोनो सदनों मे भी खूब हवा बाजी दिखायी जाती है । ये हवाबाज हवा बाजी के अलावा कई बार सोते हुये  , एक दूसरे पर कुर्सियां पटकते हुये  , पोर्न वीडियो देखते हुये पाये जाते हैं ।

और तो और खाने -पीने की चीज़े भी इससे अछूती नही रही ।चिप्स ,कुरकुरे ,नमकीन जैसे पैकटों आदि पर भी काफ़ी हवा की  बाजी होती  है । बहरहाल हो चाहे जो... लोग सच्ची मे हवा बाज हो चले हैं...लोगों कॊ लोगों के द्वारा हवा बाजी दिल से पसन्द की जा रही है ।

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