गोरिया ठाड दरवाजवा हो निहारे रास्ता
कबहूं लौटेंगे पिया हो लै के बस्ता 2
गोरिया.....
पहली दीवारी मोरी पिया बिन सूनी
कबहूं आयेंगे पिया लईके लडुआ
गोरिया..
आय गई होली संवर रही गोरिया
कबहु तो आयेंगे पिया लईके रँगवा
गोरिया...
मन रही दशमी ,गोरिया बनाय रही बिरिया
कबहूं तो आयेंगे पिय लईके पनवा
गोरिया...
आय गये संइया लजाय गइ गोरिया
अब न जईबे गोरी तुमका छोड़ लईके बस्ता
गोरिया..
हम न बोलाईबे चाहे जाओ जहाँ सईया
हम तो दरवज्जे पे ठाढे बुलावे पुरान रसिया
गोरिया.....
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