9/11/2016

तेलगुदेश के युवा सांसद राम नायडू का इंटरव्यू( शशि पाण्डेय ,नई दिल्ली )

प्र o - दलित के नाम पर रोहित बेमुला का जो मुद्दा उठा कर सरकार को घेरने की कोशिश की जाती है । क्या कहेंगे आप ?
उo- देखिये कुछ मुद्दे ग्राऊँड लेबल पर ऐसे हो जाते हैं उनका पार्टी से कोई लेना देना नहीँ रहता है ।यह ज़्यादा ही डिपर इश्यू है इसको राजनीतिक रूप दें तो कभी न सही होगा और न ही सुलझेगा ।इस पर सबको मिलकर काम करना चाहिये जिससे ऐसी घटनाएँ रुके ।

प्रo- पार्लियामेंट मे बीते दो साल मे आपने जो मुख्य रूप से जो मुद्दे उठाये वह कौन से हैं ?
उo- सबसे बड़ा मुद्दा वह है और लोगों को भी उससे खुशी मिलती है वह है जब मै आंध्र के लिये कुछ माँगता हूँ ।एक पैकेज के लिये प्रयासरत में है देखिये वैकेया जी और मोदी जी क्या करते हैं। हमारी कोशिश है आर्बनाइजेशन हो क्योंकि उससे ही विकास होता है ।चंद्रा बाबू जी हैदराबाद को डेवलप किया क्योंकि वह जानते थे इससे ही आँध्रा का विकास होगा ।और उन्होंने पूरी लगन के साथ काम किया ।विल्क्लिन्टन आये तो हैदराबाद आये ,बिलगेट्स आये तो आंध्र आये...तो क्यों आये क्योंकि आर्बनाइजेशन की पब्लिसिटी चल रही थी । विरोधियों ने इसके विरोध में नारे में लगाना शुरू कर दिया कि सिर्फ़ शहरी क्षेत्रों का ही विकास व विस्तार किया जा रहा है । उन सालो में बारिश कम हुई जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में दिक्कत आयी । तो परफेक्शन डेवलप हो गया था ।उन सब मुद्दों को लेकर हम चल रहे हैं । हमारी सरकार फ़िर से आयी है । हम फ़िर से डिस्पर्लाइजेश्न कर रहे हैं ।बाकी सभी जिलों से एक -एक शहर उठा कर काम कर रहे हैं ।

प्रo- नार्थ इंडिया में आदर्श ग्राम योजना पर इतना काम नहीँ हो पा रहा है इसकी वज़ह अपोजीशन है ।इस योजना में आप कितना क्या कर चुके हैं और इस बारे में क्या कहेंगे 
उo- वैसे मै बता दूँ हर जगह केन्द्र और राज्य सरकारें मिल कर कर सकते हैं या कर रहे हैं । कोई भी स्कीम हो ऐसा हो सकता राजनीतिक कारण रोड़ा आ रहा है पर ऐसा नहीँ होना चाहिये । मेरे पास 4000 हजार गाँव हैं एक चुन चुका हूँ "संतबाली" उस पर 5000करोड़ तक खर्च हुये हैं । आगे सोच समझ कर एक और गाँव शामिल किया जायेगा ।जो गाँव लिया उसमें हर कम्यूनिटी के लोग रहते हैं और अच्छा काम हो रहा है। जो बड़ी -बड़ी कम्पनियाँ हैं हम उनको भी गाँव में उपयोगी प्रोजेक्ट शुरू करने पर बात हुयी है ।

प्रo- युवा सांसद होने के नाते युवाओं को आप क्या संदेश देना चाहेंगे 
उo -युवाओं को मै यही संदेश देना चाहूंगी कि सबकी नज़र युवाओं पर ।ये जिम्मेदारी  हमें उठानी पड़ेगी जो कि नहीँ उठायी जा रही हैं ।शॉर्टकट  नहीँ हार्ड वर्कर बने । और सबसे बड़ी बात जॉब गिवर बन कर कुछ कर दिखाये जिससे देश को विकास की ओर ले कर चले ।

प्रo - आपकी दो साल की प्रमुख उपलब्धियां सांसद के तौर पर 
उo - काम तो देखिये चल ही रहा है। अभी तो हम वी जे पी के साथ मित्र पक्ष में हैं । फ़िर भी हमें पार्लियामेंट के अंदर स्लोगन शॉर्ट आउट करने पडे । क्योंकि मुद्दे बहुत स्ट्रॉंग हैं तो चाहे हम सफल हो या न हो प्रयास करते रहेंगे ।आंध्रप्रदेश में हमने ग्रामीण विकास के ऊपर सबसे ज़्यादा कंसंट्रेड किया है । और हमने उसमें विकास भी किया है ।जो फंड हमारे पास आया उसमें सबसे ज़्यादा हमने ग्रामीण क्षेत्र में खर्च किया ।एक साल के अंदर हमने 1000 को पेंशन कर दी ,राइट टू फूड एक्ट का एम्प्लीमेंट किया और चंद्रा साहब आई टी में ज़्यादा रुचि रखते हैं तो जैसा हैदराबाद को जैसा डेवलप किया ठीक सभी जगह ऐसा काम कर रहे हैं । इससे  हम 200 करोड़ की सेविंग कर पायेंगे ।

प्रo -मोदी सरकार की जो स्कीमें हैं आपके राज्य में क्या असर है उनका ??
उo-ग्राऊँड लेबल पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव है हमें लगा कि ये स्कीमें बेकार साबित होंगी पर ऐसा नही था ।गाँव- गाँव में बैंक अकाउंट लोगों के खुल गये ,फसल बीमा योजना का भी लोगों को खूब लाभ मिल रहा है । जैसे मुद्रा लोन के लिये भी हमारे पास काफ़ी आवेदन आये हैं । ये  स्कीमें  में ग्रमीणो को ध्यान में रख कर बनाई गयी हैं और ये काफ़ी कारगर हैं ।

प्रo - जो यूथ है वह पढ़ - लिख कर भी जॉब सीकर बन रहा है ।इसके लिये जो स्किल डेवलपमेंट की स्कीम लाई गई हैं कितनी कारगर हैं ?
उo -देखिये देश में जॉब्स की सच में बहुत मारा मारी है मुझे लगा मेरे राज्य में ही समस्या है पर यह समूचे देश का हाल है । इसका हल जॉब गिवर बन कर ही निकाला जा सकता है । पर यह लोगों को भी सोचना होगा इस ओर सिर्फ़ सरकार के सोचने से कुछ नहीँ होगा ।नौजवानो को जॉब के अलावा कुछ अलग कर दिखाना होगा । सिर्फ़ जॉब के सहारे ही न रहे ।अपना काम कैसे शुरू करे ये सोचना होगा। लोग सोचने लगे हैं देखिये अच्छा ही होगा ।

प्रo -आप पार्लियामेंट के सेकेंड यंगस्ट सांसद हैं दो सालो में आपका अनुभव ?
उo - युवा सांसद हैं इसलिये जिम्मेदारी ज़्यादा है। अनुभव के हिसाब से देखे तो बहुत ही कम है ।इतने सारे अनुभवी लोग हैं उनके सहयोग से हम आगे बढ़ रहे हैं ।अनुभव कम है तो डर लगता है क्योंकि बड़ी जिम्मेदारी है इसका निर्वाह करना है बाकी अच्छे रहे दो साल ।

प्रo -आपके पिता जी एक कद्दावर नेता थे ।आपकी छवि में उनकी विरासत है । उस नाते से आपके ऊपर ज़्यादा जिम्मेदारी बनती है क्या कहेंगे ?
उo - देखा जाय तो वाकई इस बात से मेरे ऊपर और जिम्मेदारी बढ़ जाती है ।उनके बाद मै लोगों के पास जाता था तो लोग मुझे उनकी नज़र से देखते थे इनीशियली जीतने से पहले मैने दो साल उनके बीच गुजारे हैं । इस रास्ते में मैने उनसे काम करना सीखा ।जीतने के बाद जब  मै   दिल्ली आया तो मुझे इसका एड्वांटेज मिला ।वे एक नेशनल लेबल के आदमी थे जिसका फायदा मुझे निश्चित रूप से मिला ।

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