पेशा पढ़ाना ..... लिखना शौक और ज़रूरत है ।खुल्ला पत्रकारिता ,सामाजिक ऐब और कलम !!😊😊
9/10/2016
दोस्त कहते हैं (व्यंग्य कविता )
दोस्त बोलते हैं
हम हँसते बहुत हैं
और हम न हँसे तो
"क्यू नहीँ हँस रही"
टोंकते बहुत हैं
ज्यादा क्या कहें
हमें चुप देख
हमारे मुँह मॆ ज़बान नहीँ
कुछ लोग
भौंकते बहुत हैं ।
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