9/10/2016

दोस्त कहते हैं (व्यंग्य कविता )

दोस्त बोलते हैं 
हम हँसते बहुत हैं
और हम न हँसे तो 
"क्यू नहीँ हँस रही"
टोंकते बहुत  हैं 
ज्यादा क्या कहें 
हमें चुप देख
हमारे मुँह मॆ ज़बान नहीँ 
कुछ लोग 
भौंकते बहुत हैं ।

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