घोडो को मिलती घास
गधे खा रहे अनानास
झाड़ फूस को आस
जाने कब बने अमलतास
बजते ढोल ,बीन और तास
बहरे बन बैठे अमीरदास
बड़े - बड़े यहाँ तमाश
स्वारथ पर ही सबका विश्वास
भ से भरोसा,भ से भड़ास
झूझत जनता चुनाव बाद
कऊवा पहनते हैं लिबास
हँस झेले दुख पचास
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